दोय दिना री बन्दा सायबी, कांई तेग दिखावे। गर्भ करे मन मानखा, साथे नहीं जावे। दोय दिनां री बन्दा सायबी ।।
महल खजाना छोड़ के, तू होया हैं रवाना। क्या जाणू किस देश मे, पा किया हैं पियाणा। दोय दिनां री बन्दा सायबि।
दोय दिना री बन्दा सायबी, कांई तेग दिखावे। गर्भ करे मन मानखा, साथे नहीं जावे। दोय दिनां री बन्दा सायबी ।।
गलियारों में डोलिया, फूला सेज बिछाता। पोढ़ण वाला पोढता, दीसे नहीं जाता। दोय दिनां री बन्दा सायबी ।।
दोय दिना री बन्दा सायबी, कांई तेग दिखावे। गर्भ करे मन मानखा, साथे नहीं जावे। दोय दिनां री बन्दा सायबी ।।
मूछिया टेढ़ी राखता, कांई आँख दिखावे। जोर जवानी में डोलता, वे नर मरता ही जावे। दोय दिनां री बन्दा सायबी।
दोय दिना री बन्दा सायबी, कांई तेग दिखावे। गर्भ करे मन मानखा, साथे नहीं जावे। दोय दिनां री बन्दा सायबी ।।
देख देख गति जीव री, मोहे हँसी आवे। माध केवे माने नहीं, वृथा जन्म गमावे, दोय दिनां री बन्दा सायबी।
दोय दिना री बन्दा सायबी, कांई तेग दिखावे। गर्भ करे मन मानखा, साथे नहीं जावे। दोय दिनां री बन्दा सायबी ।।
दोय दिनां री बन्दा सायबी, कांई तेग दिखावे, गर्भ करे मन मानखा, साथे नहीं जावे, दोय दिनां री बन्दा सायबी ।।