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विविध भजन

Aakhya dekho bhayida Kano ri khidkiya kholo,आंख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी,

आंख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।।

आंख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।।



भगवा तो रंगिया रे भाई, राम नजर नहीं आवे रे। अपना माही ला ने रंग लो रे, मिलसी राम जी । आँख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।

पत्थर ने पूजो रे भाई, राम नजर नहीं आवे रे। अपणे सतगुरू ने पूजो रे, मिलसी राम जी । आँख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।।



नहाया ने धोया ने भाई, राम नजर नहीं आवे रे,
ऐबो ने छोड़ो रे, मिलसी राम जी । आँख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।

तीर्थ में नहाया मैं भाई, राम नजर नहीं आवे रे, अपणे हिरदे ने धोवो रे, मिलसी राम जी। आँख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।।



रतनदास चरणो रा चाकर, सतगुरू शरणे आया जी। चरणों में झुक जाओ, मिलसी राम जी । आँख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।।

आंख्या देखो भाईड़ा, कानों री खिड़कियां खोलो रे, सत्संग में चालो रे, मिलसी राम जी ।।

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