आज मची है धूम बिरज बरसाने में। राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में। एक दूजे पर रंग लगे बरसाने में।राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में।
मटकी मंगाई है कोरी कोरी। वामें केसर श्याम ने घोरी। ग्वाल बाल सब आए गए हैं। संग में आई बिरज की छोरी।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 लगे श्याम केसरिया रंग उड़ाने में। राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में।
आज मची है धूम बिरज बरसाने में। राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में। एक दूजे पर रंग लगे बरसाने में।राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में।
रंग बरसे रंग बरसे है बरसाने में। अरे रे रे रे रे रे रे रे।
पिचकारी भरी केसर रंग में, श्याम का नेक नहीं है इरादा। सखियों संग राधा रानी का, श्याम का घेरने का है इरादा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ढूंढे अवसर एक दूजे को भीगाने में।राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में।
आज मची है धूम बिरज बरसाने में। राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में। एक दूजे पर रंग लगे बरसाने में।राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में।
उड़े रे गुलाल अबीर रंगीलो। नटखट श्याम लगो है छबीलो। मारे पिचकारी कृष्ण कन्हाई। बृज कर दिनहो सगरो गिलो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ग्वाल लगे सब प्रेम से होली गाने में। राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में।
आज मची है धूम बिरज बरसाने में। राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में। एक दूजे पर रंग लगे बरसाने में।राधा कृष्ण मगन है होली मनाने में।