तर्ज, होली खेले रघुवीरा
अरे होली खेले श्याम राधा के संग में, होली खेले बरसाना। ऐसे ही रंग लगाना श्याम मोहे ऐसे ही रंग लगाना।
रंग बिरंगे पानी के गुब्बारे। पिचकारी भर लाए हैं सारे।फागुन में लागे कुछ न्यारे हो मोहन होली खेले बरसाना।अरे होली खेले श्याम राधा के संग में, होली खेले बरसाना।
अरे होली खेले श्याम राधा के संग में, होली खेले बरसाना। ऐसे ही रंग लगाना श्याम मोहे ऐसे ही रंग लगाना।
कटी हो गई गोपियां सारी, ग्वालो की टोली लागे है न्यारी। एक दूजे के रंग में रंगे हैं वो,होली खेले बरसाना।
अरे होली खेले श्याम राधा के संग में, होली खेले बरसाना। ऐसे ही रंग लगाना श्याम मोहे ऐसे ही रंग लगाना।
श्याम ने राधा की पकड़ी कलाई। राधा कहे हाय छोड़ हरजाई। आनंद आया राधा श्याम की जंग में, होली खेले बरसाना।
अरे होली खेले श्याम राधा के संग में, होली खेले बरसाना। ऐसे ही रंग लगाना श्याम मोहे ऐसे ही रंग लगाना।
भक्तों से भी कहे ऐसो मनाऊं। हर फागुन में ऐसो रंग लगाऊं। तन मन भरो भरू खूब उमंग में, होली खेले बरसाना।
अरे होली खेले श्याम राधा के संग में, होली खेले बरसाना। ऐसे ही रंग लगाना श्याम मोहे ऐसे ही रंग लगाना।