आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर। नटवर नंद किशोर आयो छलिया मखन चोर।आयो नंदगांव से होली खेलन नटवर नंद किशोर।
आयो नंदगाँव से होरी खेलन नटवर नन्द किशोर।
नटवर नन्द किशोर छलिया माखन चोर।।
संग में गुआल बाल मस्ताने रबड़ी भिज्या घोटे छाने। सजे स्वांग में ढप मनमाने।बने सखा पर लगे जनाने। भेट गुलाल हाथ पिचकारी छाए रहे चहुं ओर।
आयो नंदगाँव से होरी खेलन नटवर नन्द किशोर।
नटवर नन्द किशोर छलिया माखन चोर।।
संघ झांझ ढप ढोल बजावत। तरह-तरह की गारी गावत। होली है होली है शोर मचावत। अबीर गुलाल उड़ावत लावत भर भर बोर।
आयो नंदगाँव से होरी खेलन नटवर नन्द किशोर।
नटवर नन्द किशोर छलिया माखन चोर।।
भीखम सखा फाग नहीं पावे। पकड़ जनानौ साज सजावे। घेर सकल सब नाच नचावे। इत में घेरूं गली रंगीली उत्त साकली खोल।
आयो नंदगाँव से होरी खेलन नटवर नन्द किशोर।
नटवर नन्द किशोर छलिया माखन चोर।।
यह है नंद गांव के पंडा। गाय चरावे बिने कांडा।आए लिन्हे ढाल प्रचंडा।झंडा छीन लगाओ डंडा कर देओ भांडा फोड़।
आयो नंदगाँव से होरी खेलन नटवर नन्द किशोर।
नटवर नन्द किशोर छलिया माखन चोर।।