लुटा दिया भण्डार खाटू वाले ने
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
जैसी जो भावना लाया, वैसा ही वो फल पाया ,
नहीं खाली उसे लौठाया, वो मन ही मन हरषाया
अरे कर दिया उसको निहाल, खाटू वाले ने।
लुटा दिया भण्डार खाटू वाले ने
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
जो लगन लगाया सच्ची है उसकी नाव ना अठकी
नैया को पार लगाया, नहीं देर करी वो पल की
अरे मिटा दिया जंजाल, खाटूवाले ने।
लुटा दिया भण्डार खाटू वाले ने
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
जिसने श्रृंगार सजाया, वो बाबा का दर्शन पाया
जिसने मांगा है बेटा, वो चाँद सा टुकड़ा पाया,
दिया है जन्म सुधार, खाटूवाले ने।
लुटा दिया भण्डार खाटू वाले ने
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।
चरणों की किया जो सेवा, वो पाया मिश्री मेवा ,
वो मन ही मन हर्षाया, नैनों में रूप समाया,
कर दिया सबको निहाल, खादू वाले ने।
लुटा दिया भण्डार खाटू वाले ने
कर दिया मालामाल खाटू वाले ने।