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krishna bhajan lyrics कृष्ण भजन लिरिक्स

Hari dhare mukut khele hori Shir dhare mukut khele hori,हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी,krishna bhajan

हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।

हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।


कहा से आये कुंवर कन्हैया, कहा से आयी राधा गोरी
मथुरा से आये कुंवर कन्हैया, बरसाने से राधा गोरी ।हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।


कितने वरस के कुंवर कन्हैया, कितने बरस राधा गोरी ,
बारह बरस के कुंवर कन्हैया, सात बरस राधा गोरी।हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।


कौन वरण के कुंवर कन्हैया, कौन वरण राधा गोरी ,
श्याम वरण के कुंवर कन्हैया, गौर वरण राधा गोरी।हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।


कहा पहर कृष्णा होली खेले, कहा पहन राधा गोरी।
मुकुट पहन कृष्णा होरी खेले, चीर पहन राधा गोरी।हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।


अबीर गुलाल के बादल छाये, डाल रहे है रंग जोरी,
कौन के हाथ मंजीरा सोहे, कौन के हाथ मे रंग खेली ।हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।


कृष्णा के हाथ मे मंजीरा सोहे, राधा के हाथ मे रंग खेली
हरी धरे मुकुट खेले होरी, शिर धरे मुकुट खेले होरी।हरी धरे मुकुट खेले होरी , शिर धरे मुकुट खेले होरी।

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