हरिदास रटो हरिदास रटो मन मूरख मेरे अंधा।
श्री हरिदास नाम ना गावे जो।वो लख चौरासी पावेगो। पछतावेगो तु बार बार जब बनेगो कीट पतंगा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हरिदास रटो हरिदास रटो मन मूरख मेरे अंधा।
श्री हरिदास नाम ना गावे जो।वो लख चौरासी पावेगो। पछतावेगो तु बार बार जब बनेगो कीट पतंगा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हरिदास रटो हरिदास रटो मन मूरख मेरे अंधा।