तर्ज, जरा चल के वृंदावन देखो
जग में सबसे बड़े हैं त्रिपुरारी, जिनकी महिमा है सबसे भारी।
तेरे माथे पर चंदा कमाल रे। शीश चमचम चमकता भाल रे। तेरे चंदा पर जाऊं बलिहारी।जिनकी महिमा है सबसे भारी।
जग में सबसे बड़े हैं त्रिपुरारी, जिनकी महिमा है सबसे भारी।
तेरी जटा में गंगा कमाल है, शीश बहती है गंगा की धार है। तेरी गंगा पे जाऊं बलिहारी।जिनकी महिमा है सबसे भारी।
जग में सबसे बड़े हैं त्रिपुरारी, जिनकी महिमा है सबसे भारी।
तेरे गले के नाग कमाल है। सिर पर नागों की बंधी देखो माल है। तेरे नागों पर जाऊं बलिहारी। जिनकी महिमा है सबसे भारी।
जग में सबसे बड़े हैं त्रिपुरारी, जिनकी महिमा है सबसे भारी।
तेरे हाथों में डमरू कमाल है। बजे डमरु की मधुर ताल है। तेरे डमरू पर जाऊं बलिहारी। जिनकी महिमा है सबसे भारी।
जग में सबसे बड़े हैं त्रिपुरारी, जिनकी महिमा है सबसे भारी।
तेरी गोरा की जोड़ी भी कमाल है। जिनकी गोदी में बैठे गणपतलाल है। तेरी जोड़ी पर जाऊं बलिहारी। जिनकी महिमा है सबसे भारी।
जग में सबसे बड़े हैं त्रिपुरारी, जिनकी महिमा है सबसे भारी।