जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं।निराले शीश के दानी गले सबको लगाते हैं।जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं
अदभुत सुंदर रूप निराला, सबके मन को मोहने वाला। जो देखे एक बार इनको, वह इनके हो ही जाते हैं।जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं
जिसने श्याम को दिल से पुकारा, उसको देते हैं यह सहारा। छोड़कर अपना दर ये, लीले चढ़कर आते हैं। जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं
जीत लो इनको भाव दिखाकर, केवल अपना शीश झुका कर। भाव से यह अपने भगत से हार जाते हैं। जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं
पत्थर को पारस यह बना दे, पतझड़ में भी फूल खिला दे। प्रेमियों की दुखड़े को श्याम मेरे पल में मिटाते हैं। जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं
श्याम धनी की लखदातारी, जानती है यह दुनिया सारी। निशान को हाथ में लेकर भक्तों सब खाटू जाते हैं। जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं
जिस घर जल्ती श्याम की ज्योती, उस घर कोई कमी ना होगी।जगत में भक्त बाबा के सदा ही मौज उड़ाते हैं। जो जग से हार जाते है उन्हे बाबा जिताते हैं