तर्ज,ऐसी होरी तोहे खिलाऊं
वो सबसे सुखी इंसान जग में ना कोई धनवान,उसके समान रे।जो श्याम नाम गाये सुबह शाम रे।
हो जिसके श्याम नाम की कुंजी, सुख में जीवन की है पूंजी, करूं बखान रे। जो राधेश्याम गाये सुबह शाम रे।
झूठ कपट और द्वेष ईर्ष्या ना करता बेईमानी। मन वाणी से कर्म करें ना जाने लाभ और हानि। जो कुछ भी दे दे दाता, उसको ही वह अपनाता, अपना मान रे।जो श्याम नाम गाये सुबह शाम रे।
वो सबसे सुखी इंसान जग में ना कोई धनवान,उसके समान रे।जो श्याम नाम गाये सुबह शाम रे।
रोग शोक संताप ना उसको किसी बात का डर है। श्री श्याम कृपा से जीवन की आसान डगर है। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पर धन को मिट्टी माने, सब को ही अपना जाने, एक समान रे।जो श्याम नाम गाये सुबह शाम रे।
वो सबसे सुखी इंसान जग में ना कोई धनवान,उसके समान रे।जो श्याम नाम गाये सुबह शाम रे।
हर प्राणी की सेवा करना सबसे बड़ी है पूजा। परहित समान ना ही कोई धर्म जग में दूजा।🌺 जो दर पर अपने आए, चाहे रूखी सूखी, खाए करे सम्मान रे।जो श्याम नाम गाये सुबह शाम रे।
वो सबसे सुखी इंसान जग में ना कोई धनवान,उसके समान रे।जो श्याम नाम गाये सुबह शाम रे।
हो जिसके श्याम नाम की कुंजी, सुख में जीवन की है पूंजी, करूं बखान रे। जो राधेश्याम गाये सुबह शाम रे।