तर्ज – आज कल याद कुछ और
जिंदगी में मुझे कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए। नाम की तेरी शोहरत कमा पाऊं मैं, तेरी इतनी सी मुझको कृपा चाहिए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
िंदगी में मुझें कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए।
तेरी किरपा का मुझको तकाज़ा हुआ, ये तजुर्बा मुझे ताज़ा ताज़ा हुआ। आपकी ये कृपा यूँ ही मिलती रहे, उम्र भर अब यही सिलसिला चाहिए। जिंदगी में मुझें कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए।
मैंने तुमसे ना की नाम की आरजू, बस बनाए तू रखना मेरी आबरू। आस निर्धन की इसके सिवा कुछ नहीं,आपसे ये इनायत सदा चाहिए, जिंदगी में मुझें कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए।
मेरा हर एक कदम तेरी राहों में हो, मेरा अंतिम सफर तेरी बाहों में हो। तुम रहो श्याम बनकर मेरे रहगुजर, और कुछ ना तुम्हारे सिवा चाहिए।जिंदगी में मुझें कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए।।
मेरी ज्यादा बड़ी कोई ख्वाहिश नहीं, आप से मेरी बाबा गुजारिश यही।मैंने ‘माधव’ हिये की सुना दी प्रभु, आप से आपकी बस रजा चाहिए। जिंदगी में मुझें कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए।
जिंदगी में मुझे कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए।नाम की तेरी शोहरत कमा पाऊं मैं, तेरी इतनी सी मुझको कृपा चाहिए। जिंदगी में मुझें कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए ।।
जिंदगी में मुझे कुछ मिले ना मिले, हर घड़ी आपकी बस कृपा चाहिए। नाम की तेरी शोहरत कमा पाऊं मैं, तेरी इतनी सी मुझको कृपा चाहिए।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺