कान्हा तेरे नाम की मैं जोगन, थाम ले कलाई आकर मेरे मोहन।
चढ़ गई मस्ती नाम वाली,चाल चलूं में मतवाली।ढूंढते है तुझको मेरे नयन, बनती फीरूं में बन जोगन।
कान्हा तेरे नाम की मैं जोगन, थाम ले कलाई आकर मेरे मोहन।
मेरी क्या खता है बता जाना,मेरा दिल तोड़ के मत जाना।ले लो मुझे तुम अपनी शरण,बनती फीरूं में बन जोगन।
कान्हा तेरे नाम की मैं जोगन, थाम ले कलाई आकर मेरे मोहन।
जैसे तेरी मुरली की मधुर है तान,वैसे तेरे रूप की निराली है शान।वारी तुझपे जाऊं मेरे भगवन,बनती फीरूं में बन जोगन।
कान्हा तेरे नाम की मैं जोगन, थाम ले कलाई आकर मेरे मोहन।
मन मेरा नाचे है जैसे वन में मोर,दिल मेरा चुराया तूने चितचोर।जलती हूं विरहा में लागी ये लगन,बनती फीरूं में बन जोगन।
कान्हा तेरे नाम की मैं जोगन, थाम ले कलाई आकर मेरे मोहन।