तर्ज, हे दुःख भांजन मारुति नंदन
हे नंद नंदन करते हैं वंदन दे दे थोड़ा प्यार, कन्हैया आया तेरे द्वार।
तीनो लोक के अंतर्यामी, राधा जी के तुम हो स्वामी। मुझे निर्बल के काज संवारो, कर दो भव से पार।कन्हैया आया तेरे द्वार।
हे नंद नंदन करते हैं वंदन दे दे थोड़ा प्यार, कन्हैया आया तेरे द्वार।
पूजा भक्ति में नहीं जानू, अपना सब कुछ तुमको मानू। मन मंदिर में आन विराजो करो मेरा उद्धार, कन्हैया आया तेरे द्वार।
हे नंद नंदन करते हैं वंदन दे दे थोड़ा प्यार, कन्हैया आया तेरे द्वार।
पगले तूं भी श्याम रीझाले, सोई किस्मत अपनी जगाले। प्रेम भाव से भजन सुना कर करले प्रभु से प्यार। कन्हैया आया तेरे द्वार।
हे नंद नंदन करते हैं वंदन दे दे थोड़ा प्यार, कन्हैया आया तेरे द्वार।