हिये काया में बर्तन माटी रो
हिये देहि मे,बर्तन माटी रो,
फूटे जद नही कर रणको
हो.. फूटे जद नही कर रणको
साहेब हमको डर लागो। ऐक दिन रो
हिये काया में बर्तन माटी रो
हिये काया में,
हिये काया में बर्तन माटी रो
फूटी जस नही कर रणको
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन रो,
ऐक ही रे दिन रो, घड़ी पलक रो
ऐक ही रे दिन रो,
घड़ी पलक रो,नही भरोसों ऐक ही पल रो
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन रो,
हिये काया में……..
हिये काया में माला मोतीं की
माला मोतीं की….माला मोतीं की,
हिये काया में माला मोतीं की
टूटी जस दोरो रूड़ो तन को,
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन रो
ऐक ही रे दिन रो, घड़ी पलक रो
ऐक ही रे दिन रो……..
किया मारो तो ऐक ही पल को
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन रो।
कहते कबीरा सुनो मेरे साधो
पहला है नाम अलख रा
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन को
हिये काया में बर्तन माटी रो
हिये देहि में….बर्तन माटी रो
फूटे जद नही कर रणको
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन रो
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन रो
अरे साहेब हमको डर लागो ऐक दिन रो।