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Mhara susra ne kijo re sandesh naharwa me aag lagi,म्हारा सुसरा ने किजो रे संदेश नहरवा मे आग लगी

म्हारा सुसरा ने किजो रे संदेश नहरवा मे आग लगी।

म्हारा सुसरा ने किजो रे संदेश नहरवा मे आग लगी।

हां आग लगी हो ऐसी आग लगी, कोई दिजो साहब ने संदेश,नहरवा मे आग लगी।

हां आग लगी रे म्हारो घर सारो जल गयो। जल गयी वस्तु अनेक।
हां जनम जनम थारी गृस्ती जल गयी, अरे जल गयी करम वाली रेग
नहरवा में आग लगी…

म्हारा सुसरा ने किजो रे संदेश नहरवा मे आग लगी।



हां पाॅंचो तीन और पच्चीस भी जल गया मन में नही हे अंदेश।
हां भाई बंधु और कुटुम्ब भी जल गया, या तो जल गयी दुविधा अनेक।
नहरवा में आग लगी…

म्हारा सुसरा ने किजो रे संदेश नहरवा मे आग लगी।



हां तीनों पल म्हारा धोके में बीती गया कियो न गुरूजी से हेत।
हां कबीर सुनो साधु हो मे तो चाली साहब जी का देश।
नहरवा में आग लगी।

म्हारा सुसरा ने किजो रे संदेश नहरवा मे आग लगी।

हां आग लगी हो ऐसी आग लगी, कोई दिजो साहब ने संदेश,नहरवा में आग लगी।

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