तर्ज, छोड़ के ये संसार जब तू जायेगा।
झूठा है संसार रेन का सपना है, किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
जीवन के सफर में राही जरा रखना कदम संभल के। तू बहक न जाना पगले मंजिल के पास निकल के। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पार तुझे टपना है।किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
झूठा है संसार रेन का सपना है, किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
यह हुस्न नहीं मस्त जवानी जीवन की लहर तरंगे। यह बाग बगीचे बंगले खिल रहे हैं रंग-बिरंगे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 एक नहीं बचना है। किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
झूठा है संसार रेन का सपना है, किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
ओ माया के मतवाले पल-पल में उम्र ढली जा। इस काल बलि के चक्कर में चाकी में मूंग दली जा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺खाक का सपना है।किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
झूठा है संसार रेन का सपना है, किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
आया था ब्याज कमाने ना बाकी मूल रहा है। हो रामचंद्र मन मुरख तू बिल्कुल भूल रहा है।🌺🌺 हरि को रटना है।किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।
झूठा है संसार रेन का सपना है, किसे करें तू प्यार कोई ना अपना है।