भलो वेला भगवत ने भजियो सोई भजो नर नारी। राम रो राख भरोसो भारी।
धुर्व पेहलाद जगत कर जारी जाली सेवना तुम्हारी,
भक्तों रे काज भोप ने दलिया नरसिंग रूप थे धारि।राम रो राख भरोसो भारी।
भलो वेला भगवत ने भजियो सोई भजो नर नारी। राम रो राख भरोसो भारी।
चढिया राम लूटन गढ़ लंका पल में लंका जारी।
रावण मार विभिषण थापियो प्रित आगली पाली।राम रो राख भरोसो भारी।
भलो वेला भगवत ने भजियो सोई भजो नर नारी। राम रो राख भरोसो भारी।
तौतो गज लड़े जल भीतर लड़त लड़त गज हारी।
तल भर सूंड रही जल बाहर रामो राम पुकारी।राम रो राख भरोसो भारी।
भलो वेला भगवत ने भजियो सोई भजो नर नारी। राम रो राख भरोसो भारी।
सुनी पुकार वार सडिया गज री गरुड़ तानी असवारी ।
सकर सालवे हरी फंद कटिया डूबत गज ने तारी।राम रो राख भरोसो भारी।
भलो वेला भगवत ने भजियो सोई भजो नर नारी। राम रो राख भरोसो भारी।
इंदर कोप कियो बर्ज ऊपर बरसिया मूसल धारी।
गोप ग्वालियो ने तार लिया जद बणिया गिरधारी।राम रो राख भरोसो भारी।
भलो वेला भगवत ने भजियो सोई भजो नर नारी। राम रो राख भरोसो भारी।
इतरो देख विस्वास जालीयो झेली सेवना तुमारी।
गुरु खिवजी माली लिख्मोजी बोले भव सागर से तारी।राम रो राख भरोसो भारी।
भलो वेला भगवत ने भजियो सोई भजो नर नारी। राम रो राख भरोसो भारी।