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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Ye desh begana hai chod ise Jana aakh jara khol re,ये देश बेगाना है छोड़ इसे जाना,आँख जरा खोल रे,nirgun bhajan

ये देश बेगाना है छोड़ इसे जाना,
आँख जरा खोल रे

ये देश बेगाना है छोड़ इसे जाना,
आँख जरा खोल रे जहर मत घोल रे,
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।

है छोटी जिंदगानी करे काहे मनमानी।
तू मीठा मीठा बोल रे जहर मत घोल रे,
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।

ये देश बेगाना है छोड़ इसे जाना,
आँख जरा खोल रे जहर मत घोल रे,
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।


समय चला जायेगा बड़ा पछतायेगा
मोह में मत तोल रे जहर मत घोल रे।
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।

ये देश बेगाना है छोड़ इसे जाना,
आँख जरा खोल रे जहर मत घोल रे,
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।


तेरी सुन्दर काया देख क्यों इतराया,
ना माँटी मोल रे जहर मत घोल रे ,
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।

ये देश बेगाना है छोड़ इसे जाना,
आँख जरा खोल रे जहर मत घोल रे,
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।


माया से नाता तोड़ दे, घमंड अब छोड़ दे।
बजाके अब ढोल रे जहर मत घोल रे।
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।

ये देश बेगाना है छोड़ इसे जाना,
आँख जरा खोल रे जहर मत घोल रे,
जनम अनमोल रे जहर मत घोल रे।

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