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हनुमान (बालाजी) भजन लिरिक्स hanuman balaji bhajan lyrics

Ud ke gagan gaye bala Surya ko mukh me dala,उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला,balaji bhajan

उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला

उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।मुख में था डाला सूर्य मुख में था डालाउड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।

बजरंग को जब भूख ने सताया। मैया को कहीं पास ना पाया। व्याकुल हो गए बाला,सूर्य को मुख में डाला।

उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।मुख में था डाला सूर्य मुख में था डाला।उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।

उगता सूर्य देखे हनुमाना, मीठा फल दिनकर को जाना। खाने को चल दिए बाला, सूर्य को मुख में डाला।

उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।मुख में था डाला सूर्य मुख में था डाला।उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।

सूर्य देव के सन्मुख आए, दिनकर को मुख् मे लिए दवाये। इंद्र ने वज्र था मारा,सूर्य को मुख में डाला।

उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।मुख में था डाला सूर्य मुख में था डाला।उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।

पवन देव ने तब समझाएं, सूर्य देव को मुक्त कराएं यह भक्तन के प्रतिपाला, सूर्य को मुख में डाला।

उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।मुख में था डाला सूर्य मुख में था डाला।उड़ के गगन गए बाला, सूर्य को मुख में डाला।

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