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विविध भजन

Are nar kahe pe karat guman koi nahi amar rahyo duniya me,अरे नर काहे पे करत गुमान कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे

अरे नर काहे पे करत गुमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।

अरे नर काहे पे करत गुमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।

भए अर्जुन वाणाधारी, रथ को हांक रहे बनवारी।
अरे उनके खाली न जाएं वाण
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।

अरे नर काहे पे करत गुमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।


भयो रावण सो ये बलवंत, जिसकी सारी सोने की लंका
कर दिए देवन के अपमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।

अरे नर काहे पे करत गुमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।


भए पितामह भीष्म बलशाली, जाके मौत पास नहीं आती।
अरे तीरन पे करें विश्राम
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।

अरे नर काहे पे करत गुमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।


वो बाली भयो बलशाली, किस्किंधा राज वाको भारी।
अरे वाय मारें प्रभु श्री राम
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।

अरे नर काहे पे करत गुमान
कोई नहीं अमर रहयो दुनियां मे।

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