श्याम भरोसे हो जा प्यारे,
श्याम भरोसे हो जा प्यारे।
ये श्रृष्टि के पालन हारे,
श्याम भरोसे हो जा प्यारे।
चिंता करे क्यू बैठा जब है, ये मालिक तीनो लोक का। साँवरे के हाथो उलझन जीवन की, सारी अपनी सूप जा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 सुलझने लगेंगे खुद ही ये उलझन के धागे।
श्याम भरोसे हों जा प्यारे।
ये श्रृष्टि के पालन हारे
श्याम भरोसे हों जा प्यारे,
मुश्किल तो आयेगी पर तुझको कभी ना छूने पायेगी।
ढाल खड़ा है बनके भेद इसे ना कभी पायेगी।
कवच कृपा का इनकी
पहन ले प्यारे,
श्याम भरोसे हों जा प्यारे।
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श्याम भरोसे हो जा प्यारे,