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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Devo me sabse bade mere Mahadev hai,देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव है,shiv bhajan

देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव है

तर्ज – फूलो सा चेहरा तेरा


देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है ।

हे त्रिपुरारी हे गंगाधारी
श्रृष्टि के शिव तुम आधार हो
मृगछाला धारी भस्मिया धारी
भक्तो की करते नैया पार हो।

देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है ।


जो भी मेरे दर पे आये पुरे मन से
मन की मुरादे जरुर पाए।
डमरू के धुन से कष्ट मिटे तन के
सपने हो मन के जरुर पुरे।

डम डम डम डमरू बजे
देखे सभी देव है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है।

देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है ।


धरती के कण कण में हो समाये
जय जय सारे जग के लोग करे
लीला है न्यारी नंदी की सवारी
भांग धतूरे का भोग करे ।

भस्म रमाते है सदा मस्त रहते
तन पर वाघम्बर का वेश सजा है
त्रिनेत्रधारी के खेल है निराले
जटाजूट जोगी का भेष लिया है।

माँ गंगे इनकी जटा करती अभिषेक है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है।

देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है ।


श्री राम जी की हनुमान जी की
शक्ति मिले इनके दरबार में
शंकरावतारी विषप्याला धारी
नाम नीलकंठ पड़ा संसार में ।

देव ससुर सब ने हार मान ली थी
तब शिव शम्भू ने ये काम किया था
पि के विष की गगरी गले में समायी
मिटा के मुसीबत निहाल किया था।

मै क्या कहू मै कुछ नही सबसे अलग देव है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है

देवो में सबसे बड़े मेरे महादेव है
सर्पो की गले माल चन्द्र माँ सोहे भाल
अदभुत महादेव है ।

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