किया गौरा ने सोलह सिंगार
किसी की नज़र ना लगे -२
गौरा सज धज के हो गईं तैयार,किसी की नज़र ना लगे-२
किया गौरा ने सोलह सिंगार
किसी की नज़र ना लगे।
चम्पा, चमेली का गजरा बनाया-२
फूल और कलियों से जूड़ा सजाया-२
जैसे बगिया में आयी बाहर
किसी की नज़र ना लगे-२
किया गौरा ने सोलह सिंगार
किसी की नज़र ना लगे।
गौरा सज धज के हो गई तैयार
किसी की नज़र ना लगे।
गोरे-गोरे गाल लाल,होंठ है गुलाबी-२
धुँधराले काले-काले बाल लाजवाबी-२
सुंदर नैनों में कज़रे की धार
किसी की नज़र ना लगे-२
किया गौरा ने सोलह सिंगार
किसी की नज़र ना लगे।
गौरा सज धज के हो गईं तैयार
किसी की नज़र ना लगे
झूम-झूम हाथों की मेहंदी दमके-२
बिंदिया, अँगूठी चम चमाचम चमके-२
चम चमचमाता है गौरा का हार
किसी की नज़र ना लगे-२
किया गौरा ने सोलह सिंगार
किसी की नज़र ना लगे
गौरा सज धज के हो गईं तैयार
किसी की नज़र ना लगे
मंडप में आ गईं गौरा
ख़ूब बन ठन के-२
चूड़ियाँ और कंगना
खनाखन खनके-२
पायल करती है झन झंकार
किसी की नज़र ना लगे-२
किया गौरा ने सोलह सिंगार
किसी की नज़र ना लगे।
गौरासज धज के हो गईं तैयार
किसी की नज़र ना लगे।