बिन पिए नशा हो जाता है
जो राधे राधे गाता है।
राधे का टीका सोने का
नथनी पे मन ललचाता है
जो राधे राधे गाता है
बिन पिए नशा हो जाता है
जो राधे राधे गाता है।
जो बरसाने में आता है
जिसके अंदर मन भाव भरा
वो ऊँची अटारी की सीधी चढ़ा
उसे गोपी बना लिया जाता है।
राधे के कंगन सोने के
मेहँदी पे मन ललचाता है
जो राधे राधे गाता है
बिन पिए नशा हो जाता है
जो राधे राधे गाता है।
राधे की पायल सोने की
बिछुओ पे मन ललचाता है
जो राधे राधे गाता है
बिन पिए नशा हो जाता है
जो राधे राधे गाता है।