तर्ज,ज्योत से ज्योत जगाते चलो
वीर हनुमान में तुमसे कहूं,रामजी से कहना लंका में ना रहूं।
इस लंका में बाग बहुत है।बागों की रानी में ना बनूं।रामजी से कहना लंका में ना रहूं।🌺🌺🌺वीर हनुमान में तुमसे कहूं,रामजी से कहना लंका में ना रहूं।
इस लंका में महल बहुत है,महलों की रानी में ना बनूं।रामजी से कहना लंका में ना रहूं।🌺🌺🌺वीर हनुमान में तुमसे कहूं,रामजी से कहना लंका में ना रहूं।
इस लंका में समुंदर धारा।समुंदर की मछली में ना बनूं।रामजी से कहना लंका में ना रहूं।🌺🌺🌺वीर हनुमान में तुमसे कहूं,रामजी से कहना लंका में ना रहूं।
इस लंका में बड़े बड़े योद्धा।तुम सा बली में ना देखूं।रामजी से कहना लंका में ना रहूं।🌺🌺🌺वीर हनुमान में तुमसे कहूं,रामजी से कहना लंका में ना रहूं।