क्यूँ मुझको सताए क्यूँ मुझको रुलाए,
कोई जाए ज़रा ढूँढ के लाए,
कन्हैया मेरा दिल ले गया,
कन्हैंया मेरा दिल ले गया।।
साँवली सूरत मोहनी तेरी अदायें हैं,
तिरछी निगाहें दिल पे तीर चलाए हैं,
क्यूँ मुझको जलाए मेरा चैन चुराए,
कोई जाए ज़रा ढूँढ के लाए,
कन्हैया मेरा दील ले गया,
कन्हैंया मेरा दिल ले गया।।
हमने तुमसे ऐसा रिश्ता जोड़ा है,
अपना सबकुछ तेरी खातिर छोड़ा है,
मेरे सपनो में आए मेरी नींद उड़ाए,
कोई जाए ज़रा ढूँढ के लाए,
कन्हैया मेरा दील ले गया,
कन्हैंया मेरा दिल ले गया।।
दर दर भटका फिर भी कुछ ना पाया है,
हार के अब तेरी शरण में आया है।
क्यूँ नखरे दिखाए पल पल तरसाए,
कोई जाए ज़रा ढूँढ के लाए,
कन्हैया मेरा दील ले गया,
कन्हैंया मेरा दिल ले गया।।
क्यूँ मुझको सताए क्यूँ मुझको रुलाए,
कोई जाए ज़रा ढूँढ के लाए,
कन्हैया मेरा दिल ले गया,
कन्हैंया मेरा दिल ले गया।।
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क्यूँ मुझको सताए क्यूँ मुझको रुलाए,