सांवरे को दिल में बसाकर तो देखो,
दुनिया से मन को हटा कर तो देखो।
बड़ा ही दयालु है बांके बिहारी,
इक बार वृंदावन आकर तो देखो।
बांके बिहारी भक्तो के दिलदार,
सदा लुटाते है कृपा के भंडार।
मीरा ने जैसे गिरधर को पाया,
प्याला ज़हर का अमृत बनाया।
तुम अपनी हस्ती मिटा कर तो देखो,
इक बार वृंदावन आकर तो देखो।
बांके बिहारी भक्तो के दिलदार,
सदा लुटाते है कृपा के भंडार।
श्याम बिना मेरा कोई ना अपना,
ये दुनिया है इक झुठा सपना।
नज़रों से पर्दा हटा करके देखो,
इक बार वृंदावन आकर तो देखो।
बांके बिहारी भक्तो के दिलदार,
सदा लुटाते है कृपा के भंडार।
तेरी पल में झोली वो भर देगा,
दुःख दर्द जिंदगी के वो हर लेगा।
चौखट पे दामन फैला कर तो देखो,
इक बार वृंदावन आकर तो देखो।
बांके बिहारी भक्तो के दिलदार,
सदा लुटाते है कृपा के भंडार।
चित्र-विचित्र का तो बस यही कहना,
प्रभु चरणो से कभी दूर नहीं रहना।
जिंदगी ये बंदगी में मिटा कर तो देखो,
इक बार वृंदावन आकर तो देखो।
बांके बिहारी भक्तो के दिलदार,
सदा लुटाते है कृपा के भंडार।
सांवरे को दिल में बसाकर तो देखो,
दुनिया से मन को हटा कर तो देखो।