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गुरु भजन लिरिक्स guru bhajan lyrics

Imrat baras raho satsang me,re man pi le babariya,इमरत बरस रयो सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया,guru bhajan

इमरत बरस रयो सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।

इमरत बरस रयो सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।

जे इमरत मीरा ने पी लयो,है गयी बावरिया।
जहर पचावे सद्गुरु आ गये,बन के सांवरिया।
इमरत बरस रयो,सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।


जे इमरत द्रौपद ने पी लयो,है गयी बावरिया।
चीर बढ़ावे सद्गुरु आ गये,बन के सांवरिया।
इमरत बरस रयो,सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।


जे इमरत हरिचंद ने पी लयो,है गयो बावरिया।
घड़ा उचावे सद्गुरु आ गये,बन के सांवरिया।
इमरत बरस रयो,सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।


जे इमरत पुरद्हज ने पी लयो,है गयो बावरिया।
आरा चलावे सद्गुरु आ गये,बन के सांवरिया
इमरत बरस रयो,सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।


जे इमरत नरसी ने पी लयो,है गयो बावरिया।
भात भरावे सद्गुरु आ गये,बन के सांवरिया।
इमरत बरस रयो,सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।


जे इमरत प्रह्लाद ने पी लयो,है गयो बावरिया,
दरश दिखावे सद्गुरु आ गये,बन के सांवरिया।
इमरत बरस रयो,सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।


जे इमरत अर्जुन ने पी लयो,है गयो बावरिया।
ज्ञान बतावे सद्गुरु आ गये,बन के सांवरिया।
इमरत बरस रयो,सत्संग में,रे मन पी ले बावरिया।

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