तर्ज,बनडो परनीजे
खाटू नगरी में म्हारा श्याम, धणी विराजे खाटू नगरी में। आवे देखो दर्शन करने नर और नार, खाटू नगरी में।
हारे के सहारे के भोग लगास्यां। संग मिलकर चालो सबकोई, बाबा के दरबार, खाटू नगरी में।।
खाटू नगरी में म्हारा श्याम, धणी विराजे खाटू नगरी में। आवे देखो दर्शन करने नर और नार, खाटू नगरी में।
कोई ल्याव छप्पन भोग महे,खांड खिचड़ों ल्यास्या। 🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺नीले घोड़े वाले को मैहे,भोग जिमास्यां रे,खाटू नगरी में।
खाटू नगरी में म्हारा श्याम, धणी विराजे खाटू नगरी में। आवे देखो दर्शन करने नर और नार, खाटू नगरी में।
सब भगतां मिलकर के गावे,बाबा का गुणगान।भोग लगावे रात जगावे, धरे चरण में ध्यान,खाटू नगरी में।
खाटू नगरी में म्हारा श्याम, धणी विराजे खाटू नगरी में। आवे देखो दर्शन करने नर और नार, खाटू नगरी में।