तर्ज,मान मेरा कहना नहीं तो पछताएगा
इबके भादो बुलाले मावड़ी,
चरणां में अपने बिठाले मावड़ी।
देखा है भादो में तेरे झुंझुनू जो भी जाते,
अर्जी तुझे सुनाकर दादी झोली भर ले आते।
अब मेरी भी सुनले, अरदास मावड़ी,🌺🌺
इबके भादो बुलाले मावड़ी।चरणां में अपने बिठाले मावड़ी।
भजनों से हम तुझसे दादी मन की बात कहेंगे,
भजनों से जो कह ना पाएं अखियों से कहेंगे।
ध्यान से सुनना हमारी मावड़ी,🌺🌺🌺🌺
इबके भादो बुलाले मावड़ी।चरणां में अपने बिठाले मावड़ी।
चौदस के दिन श्री चरणों में चुनड़ी चढ़ाऊंगा मैं,
मावस के दिन धोक लगाकर किरपा पाऊंगा मैं,
अर्जी ये दासी की सुनले मावडी।🌺🌺🌺🌺
इबके भादो बुलाले मावड़ी।चरणां में अपने बिठाले मावड़ी।