तुझे कब से श्याम पुकार रही, काजल डलवा ले अँखियन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुझे मोर मुकुट मँगवा दूँगी, तेरे माथे पे सजवा दूँगी। संग केसर ख़ूब लगा दूँगी।
काजल डलवा ले अँखियन में।तुझे कब से श्याम पुकार रही, काजल डलवा ले अँखियन में।
हीरे के हार मँगवा दूँगी,तेरे गले में सजवा दूँगी।
हीरे मोती से जड़वा दूँगी, काजल डलवा ले अँखियन में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तुझे कब से श्याम पुकार रही,
काजल डलवा ले अँखियन में।
तेरा पीला पिताम्बर ला दूँगी।🌺🌺🌺🌺🌺
वा में गोटा किनारी लगा दूँगी।
तेरे काँधे पे सजवा दूँगी, काजल डलवा ले अँखियन में।
तुझे कब से श्याम पुकार रही
काजल डलवा ले अंखियांन में।
तुझे चाँदी की पायल ला दूँगी।🌺🌺🌺🌺
वा में घुँघरीया डलवा दूँगी।
तेरे पैरों में सजवा दूँगी।
काजल डलवा ले अँखियन में।
तुझे कब से श्याम पुकार रही
काजल डलवा ले अँखियन में।
तुझे बरसाने बुलवा दूँगी।🌺🌺🌺🌺🌺
तेरी राधा से मिलवा दूँगी।
तेरी कामरिया सजवा दूँगी।
काजल डलवा ले अँखियन में।
तुझे कब से श्याम पुकार रही
काजल डलवा ले अँखियान में।