खुल गए जेलों के सब ताले मेरे कान्हा पधारे। कान्हा पधारे देखो लीला पसारे। पहरेदार कुछ समझे ना, वह तो सो गए थे सारे।
भादो अष्टमी रात थी काली। जन्म लिए सारे जग के वाली। बाबा टोकरी लिए जाए रहे, जमुना किनारे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺खुल गए जेलों के सब ताले मेरे कान्हा पधारे।
यमुना ने मारग दिखलाया। शेषनाग करते हैं छाया।नंद के द्वारे जाय रहे,उनको कंधा उठाए।खुल गए जेलों के सब ताले मेरे कान्हा पधारे।
दाऊ के संग मथुरा में आए।पापी कंश को मार गिराए।सारी सृष्टि में गूंज रहे,बाबा के जयकारे।खुल गए जेलों के सब ताले मेरे कान्हा पधारे।
खुल गए जेलों के सब ताले मेरे कान्हा पधारे। कान्हा पधारे देखो लीला पसारे। पहरेदार कुछ समझे ना, वह तो सो गए थे सारे।