जबतक सूरज उदय ना होय,संजीवन लेके आए जाइयो।
ऊंचे पर्वत साधु बैठे,जा पहुंचे हनुमान।जा चरणों में शीश झुकाया,और बतलाया अपना नाम,संजीवन लेके आए जाइयो।🌺🌺🌺🌺जबतक सूरज उदय ना होय,संजीवन लेके आए जाइयो।
कौन तुम्हारे मात पिता है,क्या है तुम्हारा नाम।किसके तो तुम भेजे आए,किसको लगा रे शक्ति वाण,संजीवन लेके आए जाइयो।
अंजनी माता पवन पिता है,हनुमत मेरा नाम।रामचंद्र के भेजे आए,लक्ष्मण के लागा शक्ति वाण,संजीवन लेके आए जाइयो।🌺🌺🌺🌺जबतक सूरज उदय ना होय,संजीवन लेके आए जाइयो।
आधी रात पहर का तड़का,ना पहुंचे हनुमान।रामचंद्र की विपदा बढ़ गई,लक्ष्मण के निकलेंगे प्राण,संजीवन लेके आए जाइयो।🌺🌺🌺🌺जबतक सूरज उदय ना होय,संजीवन लेके आए जाइयो।
चिड़ियां बोली मोरा कूके,आ पहुंचे हनुमान।रामचंद्र की वा विपदा टल गई,लक्ष्मण के बच गए प्राण,संजीवन लेके आए जाइयो।🌺🌺🌺जबतक सूरज उदय ना होय,संजीवन लेके आए जाइयो।