तर्ज,मिलती है जिंदगी में मुहब्बत
एक बार हमसे सांवरे नजरे मिलाईये,🌺🌺🌺
नज़रे मिला के आप ज़रा मुस्कुराइए,
दिल को तो हमने आप के, चरणों में रख दिया,
दुनिया हमारी आप है, इतना समझ लिया,
तू भी अपना समझ के हम को, अपना बनाइये,
नज़रे मिला के आप ज़रा मुस्कुराइए।🌺🌺🌺
ये जान कर के आप कही, आस पास है,🌺🌺
फिर भी समझ न आये ये, दिल क्यों उदास है,
अरे आजा गले से अपने, हमको लगाइये,
नज़रे मिला के आप ज़रा मुस्कुराइए।
फिर खो न जाये हम कही, दुनिया की भीड़ में,
अरे लाती है ऐसे मोड़ पे, किस्मत कभी कभी,
ओ मिलती है ज़िंदगी में,मुहब्बत कभी कभी।
अरे लाती है ऐसे मोड़ पे किस्मत कभी कभी।
अरे इतरा के मुँह न फेर, नजर के सवाल पर।
आती है जाने मन ये, क़यामत कभी कभी,🌺
मिलती है पास आने की, मोहलत कभी कभी।
अरे लाती है ऐसे मोड़ पे, किस्मत कभी कभी।