तर्ज,भगत के वश में है भगवान
होले होले सीता पूछे,धीरे धीरे सीता पूछे,मन मेरा हैरान,मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।
ये मुंदरी कहां पाई पवनसुत, सत्य हमें बतलाओ।राम से तेरा मिलन हुबा कब,ये हमको समझाओ।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ये मुंदरी है मेरे राम की,मैने ली पहचान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।
होले होले सीता पूछे,धीरे धीरे सीता पूछे,मन मेरा हैरान,मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।
हाथ जोड़कर हनुमत बोले,मात में सत्य बताता हूं।धोखे की नहीं बात मात,चरणों में शीश झुकाता हूं।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺ये मुंदरी मुझे राम ने दी है,करने को पहचान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।
होले होले सीता पूछे,धीरे धीरे सीता पूछे,मन मेरा हैरान,मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।
समुद्र लांघकर आया माता,मुझको भूख सताती है।पेड़ों पर फल लगे देख,तबियत मेरी ललचाती है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺आज्ञा देहू मात फल खाऊं,बन रावण मेहमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।
कैसे आज्ञा देऊं बेटा, तुम हो भोले भाले।बड़े बड़े राक्षस है यहांपर,बागों के रखवाले।🌺🌺🌺कैसे पार पाओगे इनसे,धरो प्रभु का ध्यान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।
होले होले सीता पूछे,धीरे धीरे सीता पूछे,मन मेरा हैरान,मुदरिया कहां मिली हनुमान।मुदरिया कहां मिली हनुमान।