दुर्गा भवानी आई रे, देवी दुर्गा।
आई सिंह पे सवार, छाया तेज बेशुमार
खुशिया हजारो लाई रे देवी दुर्गा।
तुने ही महिषासुर मारा, मधु-केटभ को तुने पछाड़ा,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पहने मुंडो की माला.. क्रोध की भड़के ज्वाला,
रूप अनोखा पाई रे,देवी दुर्गा।
दुर्गा भवानी आयी रे,देवी दुर्गा।
देवो के दुखो को टारे, शुम्भ -निशुम्भ दनुज संघारे,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तेरी ना सानी हे, दुनिया ने मानी हे, महिमा सभी ने गाई रे,देवी दुर्गा।
दुर्गा भवानी आयी रे,देवी दुर्गा।
जो कोई द्वारे तुम्हारा आया, मुह माँगा सब ही ने पाया,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
पल मे भंडार भर दे, तू जो चाहे कर दे, पर्वत को भी राई रे,देवी दुर्गा।
दुर्गा भवानी आयी रे,देवी दुर्गा
तुम ही हो माँ जग की जननी , आस लगी चरणन की,🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
दुखो ने घेरा हे, जीवन ये मेरा हे, दिल मे उदासी छाई रे,देवी दुर्गा।
दुर्गा भवानी आयी रे,देवी दुर्गा।
देवी दुर्गा
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दुर्गा भवानी आई रे, देवी दुर्गा।