बाजी सांसों की शहनाई,मैया निर्धन के घर आई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आज मारे खुशी के,मेरी अखियांँ रो पड़ी।
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी, जय हो।
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी।
बाजी सांसों की शहनाई,मैया निर्धन के घर आई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
आई वो मेवे मिश्री खाके,भोग पेड़ों का वो है लगाके।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ना है दूध ना मलाई,ना है मेवे की मिठाई।
मैया रूखी-सूखी खाएँ यहाँ,बिन चौपड़ी।
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी।बाजी सांसों की शहनाई,मैया निर्धन के घर आई।
जैसे राम जी ने शबरी को तारा था।🌺🌺🌺
जैसे कृष्ण जी ने गिरधर निहारा था।
वैसे आके आप भवानी,हे जगदंबे, हे महारानी।
हमें तारने को आई है,शेर पर चढ़ी।
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी।बाजी सांसों की शहनाई,मैया निर्धन के घर आई।
तुझे जाने ना दूंगी किसी ओर से।🌺🌺🌺🌺
मैं तो बांध लूंगी भावना की डोर से।
कर दी भक्तों की रखवाली,सबको सब कुछ देने वाली।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
तेरी पूजा करूंगी,मैं तो हरदम खड़ी।
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी।बाजी सांसों की शहनाई,मैया निर्धन के घर आई।
देखो सच हुआ सपना गरीब का।🌺🌺🌺🌺
पासा पलट गया मेरी तकदीर का।
तेरी ममता की छांव,लागे धरती पर ना पांव।
जी भर के खुशियां,मनाने को खड़ी।
ओ कर दी, मैया ने, पवित्र मेरी झोपड़ी।बाजी सांसों की शहनाई,मैया निर्धन के घर आई।
बाजी सांसों की शहनाई,मैया निर्धन के घर आई।आज मारे खुशी के,मेरी अखियांँ रो पड़ी।
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी।🌺🌺
ओ कर दी, मैया ने पवित्र मेरी झोपड़ी।