तर्ज,में ससुराल नही जाऊंगी
पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।दिल से पुकारो,जरा मन से पुकारो।पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।
पहला संदेशा मेरा भोले का आया। गौरा का रूप धर आऊंगी, जरा दिल से पुकारो।।पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।
दूजा संदेशा मेरा विष्णु जी का आया। मैं तो लक्ष्मी का रूप धर के आऊंगी, जरा दिल से पुकारो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।
तीजा संदेशा मेरा रामजी का आया। सीता का रूप धर आऊंगी, जरा दिल से पुकारो।पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।
चौथा संदेशा मेरा श्याम जी का आया। मैं तो राधा का रूप धर आऊंगी, जरा दिल से पुकारो।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।
पांचवा संदेशा मेरा भक्तों का आया। माता का रूप धर आऊंगी, जरा दिल से पुकारो।पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।
पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।दिल से पुकारो,जरा मन से पुकारो।पहाड़ों से दौड़ी चली आऊंगी,जरा दिल से पुकारो।