तर्ज,कैसे सपरी ओ रामा कैसे सपरी।
ओढ़ी ओढ़ी मेरी मैया ने,लाल चुनरी।२।लाल चुनरी ओ मैया लाल चुनरी।
त्रेता युग में जन्म लिया तो,सती रूप में आई।राजा दक्ष ने यज्ञ किया तो,उसमे जाय समाई।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रोए रोए भोले बाबा देख चुनरी।🌺🌺🌺रोए रोए भोले बाबा देख चुनरी।ओढ़ी ओढ़ी मेरी मैया ने,लाल चुनरी।
सतयुग में जब जन्म लिया तो,सिया रूप में आई।रावण योद्धा हर के ले गया, जग में हुई हंसाई।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 रोए रोए रघुराई देख चुनरी।🌺🌺🌺🌺रोए रोए रघुराई देख चुनरी।ओढ़ी ओढ़ी मेरी मैया ने,लाल चुनरी।
द्वापर युग में जन्म लिया तो,द्रोपदी रूप में आई। दुषासन ने चीर हर लिया,जग में हुई हंसाई।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺रोए रोए पांचों पांडव,देख चुनरी।🌺🌺🌺रोए रोए पांचों पांडव,देख चुनरी।ओढ़ी ओढ़ी मेरी मैया ने,लाल चुनरी।
कलियुग में जब जन्म लिया तो,वैष्णो रूप में आई।भैरव जी जब नीचे पड़ गया,गुफा में जाय समाई।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺दर्शन पावे भक्त सारे,देख चुनरी।ओढ़ी ओढ़ी मेरी मैया ने,लाल चुनरी।
ओढ़ी ओढ़ी मेरी मैया ने,लाल चुनरी।२।लाल चुनरी ओ मैया लाल चुनरी।