मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।
मैं बाजार जाऊंगी, वहां से टीका लाऊंगी। दोनों हाथों से पहनाऊंगी, नजर भरके।🌺मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।
मैं बाजार जाऊंगी, वहां से हरवा लाऊंगी। दोनों हाथों से पहनाऊंगी, नजर भरके।🌺मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।
मैं बाजार जाऊंगी, वहां से कंगना लाऊंगी। दोनों हाथों से पहनाऊंगी, नजर भरके।🌺मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।
मैं बाजार जाऊंगी, वहां से चुनरी लाऊंगी। दोनों हाथों से ओढ़ाऊंगी, नजर भरके।🌺मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।
मैं बाजार जाऊंगी, मेवा मिठाई लाऊंगी। दोनों हाथों से खिलाऊंगी,मन भरके।🌺मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।
मैं बाजार जाऊंगी,वहां से दीपक लाऊंगी।तेरी जोत जगाऊंगी,नमन करके।🌺🌺मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।
मैं बाजार जाऊंगी,सारी सखीयां बुलाऊंगी।तेरी रात जगाऊंगी,जग जग के।🌺🌺🌺मैया खोलो न किवांड़, लम्बे हाथ करके।