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शिव भजन लिरिक्सshiv bhajan lyrics

Gora ruth gayi mayke chali gayi, गौरा रूठ गई,मायके चली गई,shiv bhajan

गौरा रूठ गयीं, मायके चली गईं, ताला लग गयो कुठरिया में

गौरा रूठ गयीं, मायके चली गईं, ताला लग गयो कुठरिया में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भोला अब न आऊं नगरिया में।

रोज रोज भोला, कैलाश घुमावे। चलो न जाये, पांव पिरावें।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺चढ़ न पाऊं चढ़ैया मैं। भोला अब न आऊं नगरिया में।

रोज रोज भोला मोपे, भांग पिसवावे।लोढ़ा टूट गयो, सिल भी चटक गयो, लग गई चोट ऊंगरिया में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भोला अब न आऊं नगरिया में।

रोज रोज भोला मोपे, पानी भरवावे।गगरी फूट गयी, पानी में रपट गई, आय गई मोच कमरिया में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भोला अब न आऊं नगरिया में।

रोज रोज भोला मोपे, रोटी बनवावे। चकला बेलन टूट गयो, तवा भी फूट गयो, जल गई उंगली अंगरिया में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भोला अब न आऊं नगरिया में।

गौरा रूठ गयीं, मायके चली गईं, ताला लग गयो कुठरिया में।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺 भोला अब न आऊं नगरिया में।

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