तर्ज,मनिहारी का भेष बनाया
नवरातों का आया सवेरा,दर पे भक्तों ने डाला है डेरा।
मां के मंदिर में हमको है जाना। मां को नारियल बताशे हैं चढ़ाना।२।🌺🌺🌺🌺मैया काटेगी दुःख और अंधेरा।दर पे भक्तों ने डाला है डेरा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺नवरातों का आया सवेरा,दर पे भक्तों ने डाला है डेरा।
मां के हाथों में मेहंदी रची है। सर पर लाल चुनरिया सजी है।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺 ऊंचे पर्वत पर मां का डेरा।दर पे भक्तों ने डाला है डेरा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺नवरातों का आया सवेरा,दर पे भक्तों ने डाला है डेरा।
मैया आकर के दरस दिखाओ।अपने चरणों में हमको बैठाओ।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺मन के मंदिर में घोर अंधेरा।दर पे भक्तों ने डाला है डेरा।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺नवरातों का आया सवेरा,दर पे भक्तों ने डाला है डेरा।