ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
परवाह नहीं है चाहे, जग सारा रूठे रे।
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
मस्ती में हु मस्तानी, हो गई मलंग मैं।
रंग गई अपने, सांवरे की रंग में।
प्यार की ये पावन डोरी, कभी ना ही टूटे रे।
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
जितने है रिश्ते नाते, सारे ही मैं तोड़ दू।
तुम ही बताओ कैसे, खाटू आना छोड़ दू।
खाटू न छुड़वाना तू, सांसे चाहे छूटे रे।
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
ग्यारस तेरी बाबा, खाटू जो मैं आऊं।करता है फिर, लौट के न जाऊं।🌺🌺🌺🌺🌺
रिश्ता बना है जो, कभी नाही टूटे रे।
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
अब तो यही पे जीना, और है मरना।
चरणों से तेरे बाबा, दूर नहीं करना।
कितना ही चाहे रूठे दुनियां, तूं ना कभी रूठे रे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।
परवाह नहीं है चाहे, जग सारा रूठे रे।
ओ सांवरे तेरा खाटू न छूटे रे।