तर्ज, दुनियां से सहारा क्या लेना,बस एक
हम लाड़ले खाटूवाले के, हमें बाबा लाड़ लड़ाता है।होते है हम मायूस कभी,ये मोरछड़ी लहराता है।
ये मात-पिता यह बंधु सखा, यह जग का पालन हारा है।हम सब तो इसके प्यारे हैं, यह हमको जान से प्यारा है।🌺🌺🌺🌺 हम सब को बुला कर खाटू में,ये अपना प्यार लुटाता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हम लाड़ले खाटूवाले के, हमें बाबा लाड़ लड़ाता है।
हो राहें कितनी कठिन मेरी,दिखती ना हो हमको मंजिल। मन हारा हो जब भी अपना, एक कदम भी चलना हो मुश्किल।🌺🌺 यह हाथ पकड़कर बच्चों का,उन्हें मंजिल तक पहुंचाता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हम लाड़ले खाटूवाले के, हमें बाबा लाड़ लड़ाता है।
जब चैन ना हो,बैचेन हो दिल,नींदें अपनी उड़ जाती है। ऐसे में रो-रो कर हमको, जब श्याम की याद सताती है।🌺🌺🌺🌺🌺 झट आकर के सर पर मेरे, यह अपना हाथ फिराता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺हम लाड़ले खाटूवाले के, हमें बाबा लाड़ लड़ाता है।
हम हर दिन गलती करते हैं, फिर भी यह हमसे प्यार करें।हम नालायक बच्चों से यह, माता-पिता सा व्यवहार करें।🌺🌺🌺🌺 यह कान पकड़ कर हर गलती पे, हमको प्यार से समझाता है।🌺🌺🌺🌺🌺🌺हम लाड़ले खाटूवाले के, हमें बाबा लाड़ लड़ाता है।