तर्ज, उस बांसुरी वाले की
मेरा जी करता है दौड़ के सालासर आ जाऊं। है पवन पुत्र बजरंग बली,तेरी किरपा पा जाऊं।मेरा जी करता है दौड़ के सालासर आ जाऊं।
पूरब मुख मंदिर तेरा,मेरे हनुमान का डेरा।चांदी के दरवाजों पर,है राम नाम का पहरा।मेरे इष्ट देव बालासा,तेरा दर्शन में पाऊं।🌹मेरा जी करता है दौड़ के सालासर आ जाऊं।
वो देशी घी के लड्डू,भर पेट चूरमा खाऊं। कुंवे का खारा पानी,पीकर के रोग मिटाऊं।तेरे रोट का भोग में पाकर,पुलकित मन हो जाऊं।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मेरा जी करता है दौड़ के सालासर आ जाऊं।
तेरी रत्न जड़ित मनुहारी,वो बड़ी अनोखी प्यारी।झांकी का दर्शन कर के,हो जाऊं गदगद भारी।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹मेरा जी करता है पावन,चौखट पे सो जाऊं।मेरा जी करता है दौड़ के सालासर आ जाऊं।
मेरा जी करता है दौड़ के सालासर आ जाऊं। है पवन पुत्र बजरंग बली,तेरी किरपा पा जाऊं।मेरा जी करता है दौड़ के सालासर आ जाऊं।