ब्रह्मा विष्णु भोला बोले, जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।
मूसे पे चढ़ चढ़ कर दौड़े,खुशबू लड्डू थाल की।जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।
गोल मोल से गणपत प्यारे।शिव शंकर के राज दुलारे।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जब जी चाहे सैर करे वो,धरती और पाताल की।जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।
मीठी मीठी वाणी बोले, उछल कूद कर यहां वहां डोले।जो भी देखे गले लगाए,बातें गजब कमाल की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।
देवी देवता प्रेम जताए,भक्त सारे शीश झुकाये।शिव पुत्र को घूरकर देखे,हिम्मत ना है काल की।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।
ब्रह्मा विष्णु भोला बोले, जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।जय गोरा के लाल की।