तर्ज,मिलता है सच्चा सुख केवल भगवान
राधे कौन से पुण्य किए तूने,हरी रोज तेरे घर आते हैं।
राधा जब सोलह श्रृंगार करे।२।हरी दर्पण आप दिखाते हैं।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे कौन से पुण्य किए तूने,हरी रोज तेरे घर आते हैं।
राधा जब तूं पनघट पे जावे।२।हरी मटकी आप उठाते है।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे कौन से पुण्य किए तूने,हरी रोज तेरे घर आते हैं।
राधा जब तूं भोग तैयार करे।२।हरी आकर भोग लगाते है।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे कौन से पुण्य किए तूने,हरी रोज तेरे घर आते हैं।
राधा जब तूं कुंजन में जाती।२।हरी आकर रास रचाते है।२।🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺🌺राधे कौन से पुण्य किए तूने,हरी रोज तेरे घर आते हैं।
राधे कौन से पुण्य किए तूने,हरी रोज तेरे घर आते हैं।