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निर्गुण भजन nirgun Bhajan

Ekbar bhajan kar le, एकबार भजन कर ले,nirgun bhajan

एकबार भजन कर ले,मुक्ति का जतन कर ले।

तर्ज,सो बार जनम लेंगे

एकबार भजन कर ले,मुक्ति का जतन कर ले। कट जाएगी चौरासी, तूं हरि का भजन कर ले।

हरे रामा हरे कृष्णा, हरे कृष्णा हरे कृष्णा।

ये नर तन का चोला,हर बार नहीं मिलता।जो गिर गया डाली से,वो फूल नहीं खिलता। तूं बोल हरी बंदे,हरी नाम सुमर जप ले।

एकबार भजन कर ले,मुक्ति का जतन कर ले। कट जाएगी चौरासी, तूं हरि का भजन कर ले।

तूं व्यर्थ गवाना ना,जीवन की ये घड़ियां।अनमोल रतन है ये,तेरे सांसों की लड़ियां।इस झूठी दुनिया से,बचने का जतन कर ले।

एकबार भजन कर ले,मुक्ति का जतन कर ले। कट जाएगी चौरासी, तूं हरि का भजन कर ले।

दीवानों की टोली में, तूं नाम लिखा अपना।फिर साफ नजर आए,जीवन है एक सपना।इस ठगनी माया से,बचने का जतन कर ले।

एकबार भजन कर ले,मुक्ति का जतन कर ले। कट जाएगी चौरासी, तूं हरि का भजन कर ले।

कानों से अरे नर तूं,सुन संतों की वाणी।मन को ठहरा कर के,बन जा पूरा ज्ञानी।अब संत शरण में तूं,जीवन को सफल कर ले।

एकबार भजन कर ले,मुक्ति का जतन कर ले। कट जाएगी चौरासी, तूं हरि का भजन कर ले।

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