हरी धुन लागी मुझको,मिलने चली श्याम से।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।
नाक में पहनी कान की बाली, नथली कानों माही।नथली कानों माही।🌹🌹🌹🌹🌹टीका लटकाया जुड़े पर,बिंदिया गालों माही।बिंदिया गालों माही।🌹🌹🌹🌹🌹तगड़ी गले में डाली,बड़े ही आराम से।२।🌹🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।
हरी धुन लागी मुझको,मिलने चली श्याम से।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।
होठों पर लगाया सुरमा,आंखों में है लाली,आंखों में है लाली।🌹🌹🌹🌹🌹पायल बाजूबंद बन गया,बिछिया उंगली में डाली,बिछिया उंगली में डाली।🌹🌹🌹चुनरी लपेटी तन पर,अकल गई काम से।२।हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।
हरी धुन लागी मुझको,मिलने चली श्याम से।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।
जब चलकर मधुवन में पहुंची,देख श्याम मुस्कायो,देख श्याम मुस्कायो।🌹🌹🌹🌹पूछन लागे भादौ मास में,फागण कैसे आयो।फागण कैसे आयो।🌹🌹🌹🌹🌹फिर भी समझ ना पाई,तेरे व्यंग बाण से।🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।🌹🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।
हरी धुन लागी मुझको,मिलने चली श्याम से।२।🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹🌹हो गई दीवानी में तो,मिलने के नाम से।